Health | Wellness | Healing
In association with : Urjamax wellness
कुण्डलिनी ऊर्जा: सङ्कीर्णः सर्पः योगे निद्रितं आध्यात्मिकं ऊर्जां प्रदर्शयति। तस्य जागरणं स्वास्थ्यं, जीवनीयताम्, चित्तस्य स्पष्टता च प्रयच्छति।
Heal Yourself From Within
Kundalini energy: Coiled serpent represents dormant spiritual energy in yoga. Awakening it leads to health, vitality, and mental clarity.
हमारा उद्देश्य है लोगों को प्राकृतिक और पारंपरिक तरीकों से स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करना।
हम मानते हैं कि प्रकृति द्वारा रचित यह शरीर तभी अपनी पूरी क्षमता से कार्य कर सकता है जब उसे शुद्ध, संतुलित और आयुर्वेदिक देखभाल मिले।
हम आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक स्वास्थ्य के सिद्धांतों पर आधारित सेवाएँ और उत्पाद प्रदान करते हैं, ताकि हर व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से संतुलित जीवन जी सके।
हमारा संकल्प है – “स्वस्थ तन, प्रसन्न मन” – और इसी दिशा में हम निरंतर कार्यरत हैं।
कब्ज (Constipation): यह सबसे आम कारण है। जब मल (stools) सख्त होते हैं, तो उन्हें बाहर निकालने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ता है। इस जोर लगाने से गुदा की नसों में सूजन आ जाती है।
लगातार दस्त (Chronic Diarrhea): सिर्फ कब्ज ही नहीं, बल्कि बार-बार और लगातार दस्त होने से भी गुदा क्षेत्र में जलन और दबाव बढ़ जाता है।
शौचालय में लंबा समय बिताना: अगर आप बहुत देर तक टॉयलेट सीट पर बैठे रहते हैं, तो इससे भी गुदा की नसों पर दबाव पड़ता है।
गर्भावस्था (Pregnancy): गर्भावस्था के दौरान बच्चे का वजन बढ़ने से पेल्विक क्षेत्र की नसों पर दबाव पड़ता है।
कम फाइबर वाला भोजन: खाने में फल, सब्जियां, और अनाज जैसे फाइबर-युक्त चीजों की कमी से कब्ज की समस्या बढ़ जाती है, जो बवासीर को जन्म देती है।
मोटापा (Obesity): अधिक वजन होने से शरीर के निचले हिस्से पर ज़्यादा दबाव पड़ता है, जिससे पाइल्स की समस्या हो सकती है।
भारी सामान उठाना: भारी वजन उठाने से पेट पर और गुदा की नसों पर जोर पड़ता है।
बवासीर (Piles) से आराम पाने के लिए आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख किया गया है
हरड़ (Haritaki): इसे आयुर्वेद में "रोगों की माता" कहा जाता है। यह एक सौम्य रेचक (mild laxative) की तरह काम करती है और कब्ज को दूर करने में बहुत प्रभावी है, जो बवासीर का मुख्य कारण है।
त्रिफला (Triphala): यह तीन फलों (हरड़, बहेड़ा, और आंवला) का मिश्रण है। त्रिफला पाचन तंत्र को साफ रखता है, मल त्याग को आसान बनाता है, और कब्ज को ठीक करता है। इसका नियमित सेवन बवासीर की समस्या को रोकने में मदद कर सकता है।
जिमीकंद या सूरन (Jimikand or Suran): आयुर्वेद में इसे "अर्शोघ्न" यानी बवासीर का नाश करने वाला माना गया है। यह बवासीर के मस्सों को सुखाने और सूजन को कम करने में बहुत उपयोगी होता है।
नीम (Neem): इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। नीम के पत्ते या तेल का उपयोग बाहरी मस्सों पर लगाने से खुजली और जलन में राहत मिलती है।
अमलतास (Amaltas): इसका गूदा एक प्रभावी और सुरक्षित रेचक है। यह कब्ज को दूर करता है और मल को नरम बनाता है, जिससे बवासीर के रोगियों को आराम मिलता है।
अर्श बियोग कैप्सूल प्राचीन आयुर्वेदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का एक अनूठा मिश्रण है, जो बवासीर (अर्श) की समस्या के लिए एक प्रभावी और प्राकृतिक समाधान प्रदान करता है।
यह दवा उन शक्तिशाली जड़ी-बूटियों से बनी है जिनके बारे में हमने चर्चा की है
इन जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बना यह कैप्सूल न केवल बवासीर के लक्षणों जैसे दर्द, सूजन और रक्तस्राव को कम करता है, बल्कि यह कब्ज के मूल कारण पर भी काम करता है ताकि यह समस्या दोबारा न हो। यह एक प्राकृतिक उपचार है जो पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और बवासीर से स्थायी राहत पाने में मदद करता है।
यौन समस्याएं होने के कई कारण हो सकते हैं, जो शारीरिक (physical) और मानसिक (psychological) दोनों तरह के होते हैं
हृदय रोग (Heart Disease): हृदय से जुड़ी समस्याएं रक्त के प्रवाह को प्रभावित करती हैं, जिससे जननांगों तक रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) और मधुमेह (Diabetes): ये दोनों बीमारियां शरीर में रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे यौन क्रिया प्रभावित हो सकती है।
हार्मोनल असंतुलन: शरीर में हार्मोन, जैसे टेस्टोस्टेरोन, का स्तर कम या ज़्यादा होना यौन इच्छा और प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।
मोटापा: अधिक वजन हार्मोनल असंतुलन और रक्त संचार में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
जीवनशैली से जुड़े कारक: अत्यधिक धूम्रपान, शराब का सेवन और नशीले पदार्थों का उपयोग रक्त वाहिकाओं को संकरा कर सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में कमी आती है।
दवाओं का दुष्प्रभाव: कुछ दवाएं, जैसे रक्तचाप या डिप्रेशन की दवाएं, यौन इच्छा और प्रदर्शन को कम कर सकती हैं।
तनाव और चिंता (Stress and Anxiety): काम, परिवार या आर्थिक तनाव यौन इच्छा को कम कर सकता है। परफॉर्मेंस एंजाइटी (प्रदर्शन की चिंता) भी एक बड़ा कारण है।
डिप्रेशन (Depression): डिप्रेशन सीधे तौर पर यौन इच्छा को प्रभावित कर सकता है।
रिश्तों में समस्याएं: पार्टनर के साथ संवाद की कमी या अनसुलझे झगड़े यौन जीवन में बाधा डाल सकते हैं।
यहाँ प्रत्येक जड़ी-बूटी के लाभों को विस्तार से बताया गया है:
अश्वगंधा को एक "एडाप्टोजेन" कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को तनाव और चिंता से लड़ने में मदद करती है। यौन समस्याओं का एक बड़ा कारण मानसिक तनाव है। अश्वगंधा तनाव के स्तर को कम करके, दिमाग को शांत रखती है और ऊर्जा बढ़ाती है। इससे यौन इच्छा (libido) और शारीरिक प्रदर्शन में सुधार होता है।
शिलाजीत (Shilajit)
शिलाजीत एक प्राकृतिक पदार्थ है जो पहाड़ों की चट्टानों से निकलता है। यह शरीर को भरपूर ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है। शिलाजीत सहनशक्ति (stamina) और शारीरिक ताकत बढ़ाने के लिए जाना जाता है, जिससे यौन प्रदर्शन बेहतर होता है। यह रक्त संचार को भी सुधारता है, जो स्तंभन (erection) के लिए बहुत ज़रूरी है।
सफेद मूसली को एक शक्तिशाली कामोत्तेजक (aphrodisiac) माना जाता है। इसका मुख्य काम यौन इच्छा को बढ़ाना है। यह पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है और शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में भी सुधार कर सकती है।
कौंच बीज में प्राकृतिक रूप से एल-डोपा (L-Dopa) नामक एक तत्व पाया जाता है, जो दिमाग में डोपामाइन नामक हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाता है। डोपामाइन यौन उत्तेजना और मूड को बेहतर बनाने के लिए बहुत ज़रूरी है। यह शुक्राणुओं की गतिशीलता (motility) और संख्या को भी बढ़ा सकती है।
गोक्षुरा को अक्सर यौन शक्ति और हार्मोन के संतुलन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह पुरुषों में यौन इच्छा को बढ़ाने के साथ-साथ शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्वस्थ स्तर को बनाए रखने में भी मदद करती है। यह मूत्र प्रणाली के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
प्राकृतिक शक्ति से भरपूर: उर्जा मैक्स पावर इन शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के सर्वोत्तम मिश्रण से तैयार किया गया है:
अश्वगंधा: यह तनाव और थकान को दूर करके आपके मन को शांत करता है, जिससे शारीरिक और मानसिक ऊर्जा का स्तर बढ़ता है।
शिलाजीत: शक्ति और सहनशक्ति का एक प्राकृतिक स्रोत, जो आपके शरीर को आंतरिक रूप से मजबूत बनाता है और जीवनशक्ति में सुधार करता है।
सफेद मूसली: एक प्रसिद्ध कामोत्तेजक जड़ी-बूटी, जो यौन इच्छा और प्रदर्शन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाती है।
कौंच बीज: यह हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में सहायक है और यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है।
गोक्षुरा: यह जड़ी-बूटी यौन इच्छा को बढ़ाने और शरीर की समग्र शक्ति को बनाए रखने में मदद करती है।
Reviews
🌟🌟🌟🌟🌟 (5/5)
संजय कुमार, 44 वर्ष, गाज़ियाबाद
“कई महीनों से बवासीर की समस्या थी। Arsha Biyog लेने के बाद जलन और दर्द में बहुत राहत मिली। हर्बल है और कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हुआ।”
🌟🌟🌟🌟 (4/5)
रीता देवी, 36 वर्ष, पटना
“धीर-धीर असर करता है पर फ़ायदा दिखता है। पैकेजिंग थोड़ी बेहतर हो सकती है।”
🌟🌟🌟🌟 (4/5)
पूजा सिंह, 27 वर्ष, कानपुर
“मेरे पति की स्टैमिना बढ़ी है। अब वो काम के बाद भी ऊर्जा में रहते हैं। दाम थोड़ा ज़्यादा है लेकिन असर अच्छा है।”
🌟🌟🌟 (3/5)
अनामिका गुप्ता, 34 वर्ष, भोपाल
“मेरे पति दो हफ़्ते से ले रहे हैं। हल्का असर दिख रहा है, लेकिन उम्मीद से थोड़ा धीमा है। फिर भी ठीक है।”
🌟🌟🌟 (3/5)
Arvind S., 50, Lucknow
“I see much change in the first week, Works.”
🌟🌟🌟🌟🌟 (5/5)
सोनाली मिश्रा, 29 वर्ष, लखनऊ
“मेरे पति Urjamax Power ले रहे हैं। अब वो जल्दी थकते नहीं और पूरे दिन ऊर्जावान रहते हैं। हमारे रिश्ते में भी पॉज़िटिव बदलाव आया है।”